Q.1 निम्नलिखित में कौन सा कथन गलत है ?
Q.2 नीचे शब्दों के चार समूह शब्दकोष क्रम में लिखे गए हैं। कौन-सा समूह सही है?
Q.3 निम्नलिखित शब्दों में कौन विशेषण से बनी भाववाचक संज्ञा है?
Q.4 ‘चतुरानन’ है‒
Q.5 अधीश में कौन-सा उपसर्ग है?
Q.6 निम्नलिखित में कौन ‘अग्नि’ का पर्यायवाची नहीं है?
Q.7 तपोवन का सन्धि-विच्छेद है
Q.8 नदियों के नाम किस संज्ञा के अंतर्गत आते हैं?
निर्देश: दिए गए गद्यांश को पढ़ें और फिर उसके नीचे दिए प्रश्नों का उत्तर सही विकल्प का चयन करके दें।
पुरुषार्थ दार्शनिक विषय है, पर दर्शन का जीवन से घनिष्ठ सम्बन्ध है। वह थोड़े-से विद्यार्थियों का पाठ्य विषय मात्र नहीं है। प्रत्येक समाज को एक दार्शनिक मत स्वीकार करना होता है। उसी के आधार पर उसकी राजनीतिक, सामाजिक और कौटुम्बिक व्यवस्था का व्यूह खड़ा होता है जो समाज अपने वैयक्तिक और सामूहिक जीवन को केवल प्रतीयमान उपयोगिता के आधार पर चलाना चाहेगा उसको बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। एक विभाग के आदर्श दूसरे विभाग के आदर्श से टकराएँगे। जो बात एक क्षेत्र में सही जँचेगी वही दूसरे क्षेत्र में अनुचित कहलाएगी और मनुष्य के लिए, अपना कर्त्तव्य स्थिर करना कठिन हो जाएगा। इसका तमाशा आज दीख पड़ रहा है। चोरी करना बुरा है, पर पराये देश का शोषण करना बुरा नहीं। झूठ बोलना बुरा है, पर राजनैतिक क्षेत्र में सच बोलने पर अड़े रहना मूर्खता है। घरवालों के साथ, देशवासियों के साथ और परदेशियों के साथ बर्ताव करने के लिए अलग-अलग आचारा-संहिंता बन गई है। इससे विवेकशील मनुष्य को कष्ट होता है।
Q.9 सामाजिक व्यवस्था को चलाने के लिए आवश्यकता होती है
Q.10 समाज के लिए दर्शन महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि
Q.11 समाज में जीवन प्रतीयमान उपयोगिता के आधार पर नहीं चल सकता, क्योंकि
Q.12 विवेकशील मनुष्य को कष्ट पहुँचाने वाले विरोधाभास हैं
Q.13 गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है
Q.14 निम्नलिखित प्रश्न में दिये चार विकल्पों में से शुद्ध वाक्य का चयन कीजिए।
Q.15 विशेष्य और विशेषण के निम्नलिखित युग्मों में कौन सही नहीं है?